Tuesday, 21 November 2023

अश्वगंधा चूर्ण

 अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुष-महिलाएं, बच्चे और बूढ़े सभी के लिए बहुत लाभकारी होती है। इस जड़ी-बूटी में जरूरी पोषक तत्वों के साथ ही कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में अश्वगंधा को कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए सप्लीमेंट के तौर पर लेने की सलाह दी जाती है। लोग अश्वगंधा की जड़ों को दूध या पानी में उबालकर इसका सेवन करते हैं। साथ ही आजकल बाजार में अश्वगंधा टेबलेट के रूप में भी मिलने लगा है। लेकिन क्या आप जानते हैं, पाउडर के रूप में अश्वगंधा का सेवन इसके स्वास्थ्य लाभों का प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है। क्योंकि पाउडर रक्त में आसानी से घुल जाता है और शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होता है।बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं, कि अश्वगंधा पाउडर खाने के फायदे (ashwagandha powder khane ke fayde) क्या हैं और इसका सेवन कैसे करना चाहिए? 


#कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अश्वगंधा चूर्ण के फायदे

अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के शोध में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुछ मदद कर सकता है ।एक अन्य शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा टोटल कोलेस्ट्रॉल के साथ ही एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को भी कम करने में मदद कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि अश्वगंधा 30 दिन में अपना लिपिड लोवरिंग प्रभाव दिखा सकता है ।


#कैंसर से बचाव में अश्वगंधा पाउडर के फायदे

एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर एजेंट होते हैं, जो ट्यूमर को पनपने से रोक सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा बतौर कैंसर के इलाज के रूप में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में मदद कर सकता है ।ध्यान रखें कि अश्वगंधा को सीधे तौर पर कैंसर को ठीक करने के लिए नहीं, बल्कि कैंसर से बचाव के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है । अगर किसी को कैंसर है, तो उसे डॉक्टर से इलाज जरूर करवाना चाहिए। साथ ही मरीज डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकता है।


#बढ़ाए प्रजनन क्षमता: यह पुरुष और महिलाओं दोनों में ही प्रजनन क्षमता में सुधार करने और इनफर्टिलिटी से बचाव में मददगार है।


#शरीर को बनाए मजबूत: यह आपकी हड्डियों, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। साथ ही शरीर में ऊर्जा को बढ़ावा देता है और स्टेमिना बढ़ाता है। यह बच्चों की हाइट बढ़ाने में भी मदद करता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में भी बहुत लाभकारी है।


#नींद आती है अच्छी: मानसिक स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा पाउडर बहुत लाभकारी है। यह चिंता, तनाव, अवसाद, अनिद्रा और पूरा दिन थकान जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है और मस्तिष्क को शांत करता है। जिसे नींद अच्छी आती है और आप खुश महसूस करते हैं।


#सूजन से लड़ने में करे मदद: सूजन से शरीर में कई गंभीर रोग पैदा होते हैं, लेकिन अश्वगंधा सूजन को कम करने में मदद करता है। यह सूजन के कारण होने वाले मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या दूर करने में भी लाभकारी है।


#पेट को रखे स्वस्थ: पेट संबंधी समस्याएं दूर करने में भी अश्वगंधा बहुत लाभकारी है। यह मजबूत पाचन और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है, जिससे पेट की कई समस्याओं से छुटकारा मिलता ।


#आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा के जरिए डायबिटीज से भी बचा जा सकता है। इसमें मौजूद हाइपोग्लाइमिक प्रभाव, ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है। अश्वगंधा की जड़ और पत्तों को लेकर साल 2009 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंस ने डायबिटीज ग्रस्त चूहों पर एक अध्ययन किया। कुछ समय बाद चूहों पर इसका सकारात्मक परिवर्तन नजर आया। इसी वजह से कहा जा सकता है कि अश्वगंधा डायबिटीज से बचाव में उपयोगी हो सकता है ।


#थायराइड के लिए

गले में मौजूद तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि जरूरी हार्मोंस का निर्माण करती है। जब ये हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है। इसके कारण कई अन्य तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसी अवस्था को थायराइड कहते हैं ।थायराइड से ग्रस्त चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से अश्वगंधा की जड़ को दवा के रूप में देने से थायराइड की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। साथ ही हाइपोथायराइड (ऐसी स्थिति, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाती है) रोगियों पर हुए अध्ययन में भी अश्वगंधा को थायराइड के लिए लाभकारी माना गया है । इस आधार पर कहा जा सकता है कि थायराइड के दौरान डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।


#याददाश्त के लिए अश्वगंधा खाने के फायदे

स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही और बदलती दिनचर्या तेजी से मस्तिष्क की कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में जानवरों पर किए गए विभिन्न अध्ययनों में पाया गया कि अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त पर सकारात्मक असर डाल सकता है । जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि अश्वगंधा लेने से नींद भी अच्छी आ सकती है, जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है और वह बेहतर तरीके से काम कर सकता है ।


#हृदय रोग से बचाव के लिए अश्वगंधा के लाभ

अश्वगंधा में कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इस इफेक्ट का कारण अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एपोप्टोटिक गतिविधि को माना जाता है। इसके  अलावा, अश्वगंधा में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इस रिसर्च में कहा गया है कि इन गतिविधियों के अलावा एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-प्लेटलेट, एंटीहाइपरटेंसिव, हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव भी हृदय स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं ।


# वजन कम करने के लिए अश्वगंधा खाने के फायदे

एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में अश्वगंधा की जड़ के अर्क का सेवन करने से भूख और वजन में कमी पाई गई। शोध में बताया गया है कि अश्वगंधा की जड़ का अर्क तनाव के मनोवैज्ञानिक लक्षणों में सुधार कर सकता है। यह तनाव और चिंता को कम कर भोजन की तीव्र इच्छा में कमी लाकर वजन को कम करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, शोध में यह भी कहा गया है कि तनाव की वजह से बढ़ने वाले वजन को कम करने की अश्वगंधा की क्षमता को लेकर आगे और भी अध्ययन की जरूरत है । यहां हम स्पष्ट कर दें कि वजन कम करने के लिए अश्वगंधा के साथ-साथ संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी जरूरी है।


# चिंता और अवसाद के लिए अश्वगंधा चूर्ण खाने के फायदे

अश्वगंधा पाउडर बेनिफिट्स में चिंता और अवसाद से बचाए रखना भी शामिल है। अश्वगंधा के बायोएक्टिव कंपाउंड्स में एंक्सियोलिटिक (Anxiolytic – एंग्जाइटी कम करने की दवा) और एंटी-डिप्रेसेंट जैसी क्रियाएं मिलती हैं। एक रिसर्च में कहा गया है कि 5 दिनों तक इसका सेवन करने से यह चिंता कम करने वाली दवा के जैसा प्रभाव दिखा सकता है। अश्वगंधा दिमाग के ट्राइबुलिन (मोनोमाइन ऑक्सिडेज इनहिबिटर) के स्तर को नियंत्रित कर सकता है, जो स्ट्रेस की वजह से बढ़ जाता है। इसी वजह से माना जाता है कि अश्वगंधा चिंता और अवसाद को कम करने में लाभदायक हो सकता है ।


# मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा के फायदे

जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि अश्वगंधा मस्तिष्क के विकार चिंता, अवसाद और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, हमने लेख में यह भी जिक्र किया है कि यह किस तरह से याददाश्त को बेहतर रखने में सहायक हो सकता है। इतना ही नहीं, मस्तिष्क के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा लाभकारी है।


एक रिसर्च में बताया गया है कि अश्वगंधा में स्मृति सुधार प्रभाव होने के साथ ही कॉग्निशन को बढ़ाने की क्षमता भी होती है। कॉग्निशन कुछ महत्वपूर्ण मानसिक प्रक्रियाओं का सामूहिक नाम है। सरल भाषा में कहा जाए, तो अश्वगंधा विचारों, अनुभवों और इंद्रियों (Senses) के माध्यम से समझने की क्षमता से संबंधित  मानसिक क्रिया व प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, अश्वगंधा में मौजूद विथनोलाइड्स कंपाउंड तंत्रिका विकास (Neurite outgrowth) में मदद कर सकता है।

Wednesday, 28 June 2023

अलसी के बीज के फायदे

 अलसी के बीज (Flaxseed) का भारत में हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अलसी बीज, तेल, पाउडर, गोलियां, कैप्सूल और आटे के रूप में उपलब्ध है। लोग इसे कब्ज, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, कैंसर और कई अन्य बीमारियों को रोकने के लिए खाने में इस्तेमाल करते हैं।


अगर बात करें अलसी के पोषक तत्वों की तो यह लिग्नन्स, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, प्रोटीन और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड जैसे अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) या ओमेगा-3 जैसे तत्वों का भंडार हैं। इन पोषक तत्वों का सेवन विभिन्न रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।


आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार आपको बता रही हैं कि अलसी के बीजों को डाइट में शामिल करने से आपकी सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।


अलसी के बीज के आयुर्वेदिक गुण


यह स्वाद में मीठा और कड़वा, घिनौना (स्निग्धा) और पचने में भारी (गुरु) और शक्ति में गर्म होता है, इसलिए नसों का दर्द, पक्षाघात, गठिया जैसे वात विकारों के लिए उपयोगी है। यह वात को संतुलित करता है लेकिन पित्त और कफ को बढ़ाता है इसलिए अत्यधिक रक्तस्राव विकारों से पीड़ित लोगों और गर्भधारण की योजना बनाने वाले लोगों को सावधानी के साथ इसका उपयोग करना चाहिए।



ब्लड शुगर कम करने में सहायक


अलसी के बीज डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल कम करने में सहायक हैं। इसके घुलनशील फाइबर आपकी भूख को दूर रखने में मदद करता है, इसलिए वजन घटाने और उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है।सेहत का खजाना है अलसी के बीजl



कब्ज का बढ़िया इलाज हैं अलसी के बीज


अल्से के बीज में भारी मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं और यही वजह है कि नियमित रूप से इसका सेवन करने से कब्ज को खत्म करने और पाचन को दुरुस्त बनाने में मदद मिल सकती है।



कम करता है खराब कोलेस्ट्रॉल


अध्ययनों से पता चला है, अलसी के बीज एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करते हैं, एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) में सुधार करते हैं, जिसके चलते आपको खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने और दिल की सेहत में सुधार करने में मदद मिलती है।



ब्लड प्रेशर रखता है कंट्रोल


अलसी के बीज रक्तचाप को भी कम करते हैं। यह एक इम्यूनिटी बूस्टर फूड है और इसमें एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। साथ ही एह त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा है।



प्रोटीन का भंडार है अलसी के बीज


अगर आप मांस-मछली नहीं खाते हैं, तो अलसी के बीज आपके लिए प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत हैं। इसे प्लांट बेस्ड प्रोटीन माना जाता है, जो शाकाहारी लोगों के लिए बढ़िया ऑप्शन है।


कैंसर से बचाने में सहायक


अलसी के बीज में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एस्ट्रोजन गुण होते हैं। यह ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के साथ-साथ अन्य प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करता है।

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